Friday, June 13, 2008

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रूठ गया है मनाने वाला

अब कोई नही मेरे नाज़ उठानेवाला;

जाने क्या सोचता है यह खुला दरवाज़ा,

शायद रास्ता भूल गया है कोई आनेवाला.



One more...
इतना मत यद् आओ की क़यामत अजाये,

इतना मत सताओ की अंकोमे आसू अजाये,

जानता हूँ तुम यादो के हकदार हो,

पर इतन मत तडापाओ की खुदा से शिकायत होजाये

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